ज़हीरुद्दीन मोहम्मद बाबर 14 फ़रवरी 1483 को अन्दिजान में पैदा हुए थे, जो फ़िलहाल उज़्बेकिस्तान का हिस्सा है. आक्रमणकारी हों या विजेता, लेकिन ऐसा लगता है कि बाबर के बारे में आम तौर से लोगों को न तो अधिक जानकारी है और न ही दिलचस्पी.
मुग़ल सम्राटों में अकबर और ताज महल बनवाने वाले शाहजहाँ के नाम सब से ऊपर हैं. बाबर एक आकर्षक, साहसी, कुशल और एक प्रतिभाशाली तुर्की कवि भी थे, जो प्रकृति से बेहद प्रेम करते थे, जिसने अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए बगीचों का भी निर्माण करवाया था, और उन्हीं बगीचों में से एक था अफिगानिस्तान के काबुल के बना बाग-ए-बाबर जहां उनका मकबरा
मुगल बादशाहों की परंपरा के अनुसार बाबर भी चाहते थे कि उन्हें अफगानिस्तान के बाग-ए बाबर में दफन किया जाए, दरअसल, मुगल शासकों की यह परम्परा थी कि उनके कार्यकाल में अपने मनोरंजन और आनंद के लिए जिन इमारत, उद्यानों और पार्क का निर्माण उनके द्दारा करवाया जाता है, इसमें से कोई एक वह अपनी समाधि स्थल के रुप में चुने।
इसलिए मुगल वंश के संस्थापक बाबर का मकबरा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बाग़-ए-बाबर में बनाई गई है क्योंकि मुगल वंश के संस्थापक बाबर की इच्छा थी कि उनकी समाधि उनके पसंदीदा स्थल बाग-ए-बाबर (Gardens of Babur) में बनाई जाए।
आपको बता दें कि साल 1530 में मुगल सम्राज्य के संस्थापक बाबर की मौत के बाद पहले उन्हें आगरा के आरामबाग में दफन किया गया था, लेकिन मुगल वंश की स्थापना करने वाले बाबर की यह इच्छा थी कि उन्हें अफगानिस्तान के काबुल में दफन किया जाए। इसलिए शेरशाह सूरी ने बाबर की इस इच्छा को पूरी करते हुए उनके मृत शरीर को काबुल लाकर दफन किया।