पक्षियों की दुनिया, आपने सुना ही होगा कि परिंदों का संसार बहुत ही सुंदर होता है। हर एक परिंदा किसी ना किसी खूबी के लिए जाना जाता है। धार्मिक और साइंटिफिक दोनों ही स्तरों पर इनके महत्व और उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता। आज हम आपको एक ऐसे ही पक्षी की बारे में बता रहे हैं जो सिर्फ परिंदों के लिए ही नहीं बल्कि इंसानों के लिए सुखद गृहस्थ जीवन और नि:स्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। सारस पक्षी की इस खूबी का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है वहीं वैज्ञानिकों ने भी इसे अद्भुत बताया है।
सारस क्रेन भारतीय उपमहाद्वीप, दक्षिणपूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला एक बड़ा गैर-प्रवासी क्रेन है। सारस पक्षी एक खूबसूरत और बड़ा पक्षी है। यह पूरी दुनिया के तालाबो, नदियों, झीलों के पास पाया जाता है। यह पक्षी हमेशा जोड़ा बनाकर रहता है। एक बार जोड़ा टूटने पर यह वापस कभी भी जोड़ा नही बनाता है। यह उड़ने वाले पक्षियों में सबसे बड़ा पक्षी है, और इसकी लंबाई 1.8 मीटर(5.9 फ़ीट) है। इसका पंख 2.4 मीटर (8 फीट) और इसका वजन 8.4 किलो (18.5 पाउंड) तक हो सकता है। यह खुले गीले मैदान पर रहना पसंद करते हैं। साथ ही वे अपने समग्र ग्रे रंग और विपरीत लाल सिर और ऊपरी गर्दन की वजह से दुसरी क्रेनों से भिन्न होते हैं।
★ सारस से जुड़ी रोचक बातें :
1. सारस पक्षी की टांगे बहुत लंबी होती है। इसके 2 टांगे होती है। टांगो का रंग हल्का गुलाबी होता है।
2. इस पक्षी की गर्दन भी इनकी टांगो की तरह ही लम्बी होती है। गर्दन घुमावदार होती है और दिखने में बेहद सुंदर लगती है।
3. सारस की चोंच भी बड़ी और लम्बी होती है। इसी चोंच के सहारे सारस भोजन को निगल जाते है।
4. सारस पक्षी का वजन 6 से 7 kg के आसपास होता है। यह खड़े होने पर 5 से 6 फुट तक लम्बा होता है।
5. दुनिया का सबसे भारी सारस पक्षी है। सबसे बड़ा पक्षी है।
6. सारस एक प्रवासी पक्षी है जो एक जगह से दूसरी जगह जाते आते रहते है। कुछ प्रजाति के सारस एक ही जगह अपना जीवन व्यतीत करते है।
7. भारत मे सबसे ज्यादा साइबेरियन सारस पाये जाते है। ये पक्षी साइबेरिया से लंबा रास्ता तय करके भारत आते है। अक्टूबर माह में ये भारत मे प्रवास करते है।
8. सारस पक्षी गहरे पानी मे नही जाते है। ये कम पानी मे रहकर ही भोजन तलाश करते है।
9. सारस दुनिया का सबसे बड़ा उड़ने वाला पक्षी है। सारस पक्षी आपस में वार्तालाप करने के लिए अलग अलग तरह की आवाजें निकालते है।
10. सारस पक्षी का औसत जीवनकाल 15 से 18 वर्ष तक होता है।
11. सारस वेसे तो शाकाहारी पक्षी है और पेड़पौधों, बीजो को खाते है लेकिन कभी कभार छोटी मछलियों को भी खा जाते है।
12. सारस पक्षी को प्रेम का प्रतीक कहा जाता है। सारस जीवनभर एक ही साथी के साथ रहता है। जब उसके साथी की मृत्यु हो जाती है, तब यह उसके वियोग में खाना पीना त्याग देता है। अंत मे उसकी भी मृत्यु हो जाती है।
13. नर और मादा सारस में अंतर कर पाना मुश्किल होता है क्योंकि ये बिल्कुल एक जैसे दिखते है। मादा का आकार नर के मुकाबले छोटा होता है।
14. मादा सारस एक बार मे ज्यादातर 2 अंडे देती है। करीब 1 महीने के बाद इन अंडों से बच्चे निकलते है। अंडों की देखरेख का जिम्मा नर सारस पर होता है।
15. सारस पक्षी आसमान में करीब 40 हजार फ़ीट ऊपर तक उड़ते है।
16. सारस पक्षी वर्तमान में विलुप्ति के कगार पर है। दुनिया के कई देशों से यह पूर्णतया खत्म हो चुका है। भारत मे भी इनकी संख्या में कमी आयी है। इसका मुख्य कारण जलवायु में परिवर्तन और शिकार है।
17. वे ज्यादातर जड़ें, कंद, कीड़े, और छोटे कशेरुकों का भोजन करते हैं।
18. भारतीय मोर के करीबी दावेदार होने के नाते इन्हें भारत में सम्मानित किया गया है ।
★ विलुप्त होती प्रजाति :
उत्तर प्रदेश राज्य का यह पक्षी विलुप्त होने की कगार पे हैं, जिसका मुख्य कारण किसानों द्वारा गीली भूमि को निकाल और कृषि के लिए भूमि का रूपांतरण कर उनके आवास को नष्ट करना है। राजमार्गों, आवास उपनिवेशों, सड़कों और रेलवे लाइनों के निर्माण भी एक मुख्य कारण हैं, क्योंकि हाल ही में, बिजली लाइनों के साथ टकराव के कारण कई मौतें दर्ज की गई हैं। 2007 के प्रशिक्षण के अनुसार सारस भारत में कुल 10,000 हैं, और वहीं ऑस्ट्रेलिया में 5000 हैं। भारत में सारस क्रेन संरक्षण परियोजना टीम द्वारा विभिन्न गतिविधियों का उपयोग किया जा रहा है। अन्यत्र, वहीं यह प्रजातियां पूर्वी सीमा के कई हिस्सों में समाप्त कर हो गयी हैं।