भारतीय व्यंजन में अदरक का उपयोग बहुतायत से होता है | इसका सेवन सब्जी, चटनी, अचार, सॉस, टॉफी, पेय पदार्थों, बिस्कुट, ब्रेड इत्यादि में स्वाद व सुगंध के लिए किया जाता है | इसका प्रयोग से भोजन स्वादिष्ट और सुपाच्य हो जाता है साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी | पारम्परिक चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद में अदरक का प्रचलन बतौर औषधि प्राचीन कल से होता आ रहा है | अदरक को आयुर्वेद में महाऔषधि कहा जाता है | इसका वानस्पतिक नाम जिंजिबर ऑफिसिनेल है। अदरक का प्रयोग भारतीय परिवारों में आम है पर क्या आप जानते है कि अदरक मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल वरदान है ? पारम्परिक रूप से अदरक का सेवन शरीर के द्रव्य का बहाव सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए भी किया जाता है | अदरक पुरे शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ा देता है |
शोधों से यह ज्ञात हुआ है की अदरक बड़ी आँत में पाए जाने वाली बैक्टीरिया का बढ़ना रोक देता है जिसके कारण गैस से राहत मिलती है | इसमें विद्यमान गुण के कारण कैंसर से भी बचा जा सकता है | इसमें एंटी-ओक्सिडेंट गुण भी होते है , इसके सेवन से कैंसर बचाव में सहायक एंजायम सक्रीय हो जाते है | अदरक में 400 से भी ज्यादा ऐसे कम्पाउंड ( यौगिक ) है जो अलग-अलग ढंग से अपना अच्छा प्रभाव शरीर पर डालता है
Benefit of Eating Ginger अदरक के फायदे
- अदरक के सेवन से ह्रदय की मांसपेशियां ज्यादा शक्ति से संकुचित होती है , रक्त वाहिनियाँ फ़ैल जाती है, जिससे उतकों और कोशिकाओं का रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और मांसपेशियों का अकड़न, दर्द, तनाव आदि से आराम मिलता है |
- ताजी अदरक में 81% जल, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेसे और 13% कार्बोहायड्रेट होता है | इसके अतिरिक्त इसमें आयरन, कैल्सियम लौह फास्फेट आयोडीन क्लोरिन खनिज लवण तथा विटामिन भी प्रयाप्त मात्र में होता है |
- अदरक के सेवन से अपच, गैस दूर करने, पेट दर्द, सुजन दूर करने, पेट में कीड़े, पेशाब की मात्र बढाने, हाजमा ठीक करने तथा खांसी आदि के लिए व्यापक रूप से किया जाता है |
- सुखी अदरक को सोंठ कहा जाता है | इसमें 9 से 10 प्रतिशत 15% प्रोटीन, 3 से 6 प्रतिशत वसा, 3 से 8 प्रतिशत रेशे, 60 से 70 प्रतिशत शर्करा तथा उड़नशील तेल 1 से 3 प्रतिशत होते है |
- अदरक के प्रभाव से रक्त प्लेटलेट कोशिकाओं का चिपचिपापन कम हो जाता है जिससे रक्त में थक्का बनने की सम्भावना कम हो जाती है फलस्वरूप अनेक रोगों जैसे ह्रदय आघात, स्ट्रोक ( पक्षघात ) इत्यादि से बचाव हो जाता है | कोलेस्ट्रोल युक्त भोजन के बाद भी अदरक के सेवन से कोलेस्ट्रोल स्तर कम बढ़ता है |
- जापान तथा यूरोपीय देशों में अदरक के शोधों से पता चला है की अदरक शरीर में कुछ खास किस्म के जैव रसायन ( बायो-केमिकल ) के निर्माण में सहायक करता है | जो न सिर्फ कुदरती तौर पर घाव के ठीक होने में मदद करता है बल्कि शरीर में इम्यून सिस्टम को भी बल प्रदान करता है |
- एक ग्राम अदरक सेवन करने से यात्रा के दौरान सम्बेदनशील व्यक्तियों में होने वाली मितली और उलटी से आराम मिलता है | इसी प्रकार 250 मिली ग्राम सोंठ दिन में चार बार सेवन से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाली मितली व उलटी से आराम मिलता है और इसके सेवन से कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है|
Disadvantage of Ginger in Hindi अदरक के नुकसान –
पेट सम्बन्धी समस्याएं बढ़ सकती हैं : अदरक का इस्तेमाल मतली आने और पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है लेकिन अगर ज्यादा अदरक का सेवन कर लिया जाए तो इससे हार्टबर्न, ज़्यादा डकार आना और दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग पैदा हो सकते हैं और एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है।
दिल पर असर : ज्यादा अदरक के सेवन से दिल पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि अदरक की ज्यादा मात्रा दिल की लय में परिवर्तन कर सकती है और अदरक की अधिकता ब्लड प्रेशर के उतार-चढ़ाव के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है।
गॉलब्लैडर की परेशानी : पित्त की पथरी या पित्ताशय की थैली रोग से ग्रस्त लोगों को अदरक के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है ताकि उन्हें गॉल ब्लैडर के अटैक का ख़तरा ना उठाना पड़े क्योंकि अदरक पित्त स्राव को बढ़ा देता है। ऐसे में अदरक का सेवन करने से पहले गॉलब्लैडर की समस्या से ग्रस्त लोगों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
रक्त के थक्कों की समस्याएं : अदरक खून के थक्कों को धीमा करके एस्पिरिन की तरह व्यवहार करती है लेकिन ज्यादा अदरक का सेवन खून को पतला करने लगता है और खून का पतला होना उन रोगियों के लिए घातक भी हो सकता है जो खून के थक्के को रोकने के लिए एस्पिरिन, हेपरिन या वारफारिन जैसी दवाएं लेते हैं।
ऐसे रोगियों को अदरक का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े।
डायबिटीज में : डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा अदरक का सेवन किसी भी रूप में करने से बचना चाहिए क्योंकि अदरक की ज़्यादा मात्रा ब्लड शुगर की मात्रा को कम करके हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बनती हैं।
प्रेग्नेंसी में : अध्ययन बताते हैं कि अदरक के सेवन से कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं में मतली और उल्टी की परेशानी कम हो जाती है लेकिन इसके बावजूद प्रेगनेंसी में अदरक के सेवन में सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि कुछ विशेषज्ञों के अनुसार अदरक की ज़्यादा मात्रा गर्भपात का ख़तरा भी बढ़ा सकती है।
नींद पर प्रभाव : आपको जानकार हैरानी होगी कि अदरक की चाय के ज़्यादा सेवन से नींद में कमी होने लगती है यानी सोने से पहले अदरक की चाय पीने का परिणाम ये होगा कि आपको लम्बे समय तक नींद नहीं आएगी।
अब आप जान चुके हैं कि हर चीज़ की अति की तरह अदरक की अति भी काफी नुकसानदायक हो सकती है इसलिए इन सर्दियों में अदरक की चाय तो पीजिये और अदरक का खाने में सेवन भी कीजिये लेकिन इसकी अति से ज़रूर बचिए, ताकि अदरक आपकी सेहत को बेहतर बनाये, ना कि सेहत को नुकसान पहुँचाये।