आज देश युवाओं के लिए रोजगार मिलना सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में युवा खुद के बिजनेस यानी स्वरोजगार की ओर अधिक आर्कषित हो रहे हैं. किसी भी स्टार्टअप को शुरू करने के लिए एक अच्छे आइडिया की जरूरत होती है. इसलिए किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले बिजनेस का आइडिया जरूर सोच लें. आईडिया के साथ साथ इन जैसे स्टार्टअप्स को निवेशक की ज़रूरत होती है जो इनके स्टार्टअप्स मे पैसे लगाए। अगर आप भी किसी स्टार्टअप्स मे पैसा लगाने जा रहे है तो इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
कुछ लोग या कम्पनियाँ ऐसी भी होती हैं जो स्टार्टअप बिजनेस में निवेश करके अपनी कमाई को बढ़ाना चाहती हैं। आम तौर पर जो व्यक्ति या कम्पनियाँ नए स्टार्टअप में निवेश करती हैं उन्हें वेंचर कैपिटलिस्ट कहा जाता है। इसलिए यदि आप भी एक वेंचर कैपिटलिस्ट हैं और किसी नए स्टार्टअप में कुछ पैसा निवेश करना चाहते हैं तो आपको काफी सारी सावधानियाँ अपनाने की आवश्यकता हो सकती है। जैसा की हम सब जानते हैं की स्टार्टअप की सफलता की दर लगभग 10% है यानिकी प्रत्येक दस स्टार्टअप में केवल एक स्टार्टअप ही सफल हो पाता है। जी हाँ बिलकुल दस में से नौ स्टार्टअप किसी न किसी कारण असफलता के दरवाजे तक पहुँच जाते हैं। यही कारण है की किसी नए स्टार्टअप में पैसे निवेश करना बिलकुल भी सरल काम नहीं है। क्योंकि आपको पता नहीं रहता है की आप अपने निवेश किये हुए पैसे भी वापस पा पाएंगे या नहीं । यही कारण है की अनेकों बार वेंचर कैपिटलिस्ट को निवेश किये गए पैसों को गंवाना पड़ता है।
● मार्केट रिर्सच बेहद अहम —
आप निवेश करने से पहले ये देखना बहुत ज़रूरी होता है कि जिस स्टार्टअप मे आपका पैसा लग रहा है ,उस स्टार्टअप का मार्केट रिसर्च हुआ है कि नही।।
आप पहले विभिन्न तरीकों से रिसर्च कर सकते है इन्टरनेट से जानकारी जुटाकर, बड़े-बड़े व्यवसाइयों से संपर्क करके, मार्केट के जानकारों से मिलकर या ई मेल करके, मार्केट की बड़ी-बड़ी कंपनियों की रिपोर्ट पढ़कर आप बेहतर शोध कर सकते हैं। सबसे ज्यादा कौनसा प्रोडक्ट बिक रहा है और क्यों?
● स्टार्टअप के संस्थापकों एवं टीम के बारे में पता करना —–
किसी भी स्टार्टअप में निवेश करने से पहले व्यक्तिगत तौर पर उस स्टार्टअप के संस्थापकों एवं पूरी टीम से एक बार अवश्य मिल लें, और उनके लक्ष्यों एवं उनके बारे में अधिक से अधिक पता करने की कोशिश करें। यह काम आप चाहें तो उनके ऑफिस में जाकर भी कर सकते हैं। और वहाँ पर केवल संस्थापकों से नहीं बल्कि कुछ कर्मचारियों से मिलकर भी यह जानने की कोशिश करें की कहीं स्टार्टअप असफल तो नहीं हो जायेगा।
● प्रोडक्ट की मार्केटिग बेहद जरूरी —-
निवेश से पहले ये जानना बहुत ज़रूरी है कि उस प्रोडक्ट की मार्केटिंग कितनी हुई है । मतलब वो लोगों मे उसकी क्या डिमांड है। आज प्रोडेक्ट कितना भी बेहतर हो अगर आप ब्रॉडिंग नहीं कर पा रहे हैं तो यह आप को असफलता की और ले जाएगा। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने ब्रांड की मार्केटिंग की रणनीति तैयार करें।
● स्टार्टअप के लीगल डॉक्यूमेंट की जाँच करें —
किसी स्टार्टअप में निवेश करने से पहले उस इकाई के सभी कानूनी दस्तावेजों की पूरी तरह से जाँच करें अन्यथा आपके साथ धोखा भी हो सकता है। एक लीगल डाक्यूमेंट्स में इनकारपोरेशन सर्टिफिकेट, इन्वेस्टर एग्रीमेंट, टर्म शीट, सब्सक्रिप्शन एग्रीमेंट इत्यादि की जाँच की जा सकती है।
● पैसा निवेश करें उतना जितनी हो गंवाने की क्षमता है —–
बिजनेस प्लान कितना भी अच्छा हो, स्टार्टअप के फेल होने की आशंका रहती है. इसलिए केवल उतना पैसा लगाएं जितना गंवाना आप सहन कर सकते हैं. अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा नहीं है तो बेहतर है कि सीधे ही मना कर दें.
● निकासी रणनीति बनायें —–
लोग स्टार्टअप में निवेश तो कर लेते हैं लेकिन एक बार निवेश करने के बाद उनका उससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। भले ही वे उस स्टार्टअप से जो उम्मीदें लगाये थे वह उन पर खरा उतरे या नहीं। हालांकि एक स्टार्टअप में निवेश करने के बाद पांच सालों के बाद ही लाभांश मिलता है इसलिए किसी स्टार्टअप में निवेश करने से पहले अपनी निकासी रणनीति बना लें की यदि स्टार्टअप ने उस तरह से काम नहीं किया जिस तरह से आप चाहते हैं तो आप कैसे उससे बाहर निकल सकते हैं।
● क्या कोई बिजनेस प्लान है? क्या आपको रिटर्न मिलेगा ———-
अगला महत्वूपर्ण कदम यह पता लगाना है कि दोस्त के पास कोई बिजनेस प्लान है या नहीं. इसे वह कितने समय में अमलीजामा पहनाएगा. यह प्लान मार्केट रिसर्च पर आधारित होना चाहिए. इसमें इस बात का ब्योरा होना चाहिए कि पैसा कैसे आएगा. यह कितने समय में उस स्थिति में पहुंचेगा जब खर्च और आमदनी बराबर होंगे. निवेशकों को इससे कितना रिटर्न मिलेगा. बिना बिजनेस प्लान के निवेश करने की भूल नहीं करें.